Friday, January 15, 2010

जहाँपनाह तुस्सी ग्रेट हो !!! तोहफा क़ुबूल करो !


Jahapana tussi great ho……







Tohfa kubool karo….



हमारे जीने का मकसद चिता तक एक लंबा सुरक्षित सफ़र तय करना भर नहीं है , ये सफ़र है खुशिया बिखेरते और गम बटोरते चलते रहने का ! परिस्थितिया चाहे कोई भी हो दिल से सदा कहो ,

"भैया आल इज्ज़ वेल !!!"

Wednesday, January 13, 2010

"उसने कहा था" पर किसने कहा ???

ये किसकी ऊँगली है,जो ऊँगली कर रहा है ?


"उसने कहा था" के पन्ने पर जो आज पढ़ा साथी मामला कुछ समझ नहीं आ रहा, लेखक के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है ,
कही ये सबोटाज वाला मामला तो नहीं ??? भाई सुरेश चिपलूनकर ने ये बात किस स्थान, काल ,पात्र को देख कर कही इसका सन्दर्भ तो वहा नहीं दिया है !

भाई आप सब मेरी माने तो मै भी ठहरा एक अदना सा ऐरा गैरा चिट्ठाकार पर मुझे लगातार सिर्फ सुरेश भाऊ ही नहीं वरन ( नाम का क्रम प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर ) गिरीन्द्र नाथ झा, आलोक ,उड़न तश्तरी, संजय तिवारी ,ajai ,vimal verma ,mayank, Shastri JC Philip ,Neelima, इष्ट देव सांकृत्यायन , काव्या शुक्ला , BAD FAITH pankaj vyas , समयचक्र - महेंद्र मिश्र, GATHAREE , अर्शिया , पं.डी.के.शर्मा"वत्स", अर्कजेश, Dr. Smt. ajit gupta, तरुण गुप्ता , गिरीश बिल्लोरे 'मुकुल, Mired Mirage, mahashakti, निशाचर, महफूज़ अली, Mohammed Umar Kairanvi , Mithilesh dubey,jayram " viplav ", Anil Pusadkar, स्वच्छ संदेश: हिन्दोस्तान की आवाज़, अजय कुमार ,Science Bloggers Association, Rakesh Singh - राकेश सिंह , K. D. Kash दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi, अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी बी एस पाबला, Nirmla Kapila, Priyankar, अभय तिवारी, Jyoti Verma Suman, अवधिया चाचा, जी.के. अवधिया, 'अदा' ,पी.सी.गोदियाल , संजय बेंगाणी , Tarkeshwar Giri , सुलभ सतरंगी , Rajey Sha , दिवाकर मणि , uthojago , Smart Indian - स्मार्ट इंडियन, राजीव तनेजा ,PD, ab inconvenienti, पंकज , sahespuriya, Arvind Mishra, RAJ SINH , kuch to badlega , परमजीत बाली , ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ , डॉ. मनोज मिश्र , गिरिजेश राव ,कुश , श्याम कोरी 'उदय' आदि जैसे तमाम वरिष्ठ साथियो ने टिप्पणिया दे कर योगदान किया है जिससे मेरा हौसला बढ़ा है और आत्महत्या तो दूर चम्मच दर चम्मच मेरा खून ही बढ़ा है ! अतः मै ब्लोग्वानी, चिट्ठाजगत समेत समस्त साथियो का और संपूर्ण ब्लॉग जगत का अभिनन्दन करता हूँ और धन्यवाद प्रेक्षित करता हूँ !

रही बात दूसरी तो मै हिंदी ब्लॉग जगत का फैन हूँ आप सभी को पढ़ कर प्रभावित होता हूँ ,चमचागिरी वाली बात चमचे जाने !!!


आपका " उम्दा सोच"


Saturday, January 9, 2010

किसके लिए ये फिरदौस-ए ज़मीन अस्तों ??? : उम्दा सोच

प्रदर्शन करते हताश कश्मीरी पंडित युवा


कर बसर को दर-बदर ,
बेपनाह उसे दे कहर,
मिट्टियों का छीन हक़ !

ऐ बेअदब ऐ बेखबर !!
अब होगी तुझे कब्र नज़र !!!

Thursday, January 7, 2010

भाई हमें तो नहीं भा रहा है ब्लॉग वाणी का ये नया रूप!




भाई हमें तो नहीं भा रहा है ब्लॉग वाणी का ये नया रूप! बड़ी असुविधा हो रही है,पहले वाले अवतार में हम तो ज्यादा रमे थे, अब तो मित्रो को पसंद करने के लिए भी घडी घडी लागिन करना पड़ रहा है !सुन रहे है इसमें अब भी बहुत विकास होने वाला है , जो था भाई हम तो उसमे ज्यादा खुश थे ,अब क्या करे ???
भाई आप चुप क्यों है कुछ तो बोलिए !!!

Tuesday, January 5, 2010

इस्लामी मीनारों पर बैन कि तैयारी है !







मामला स्विट्ज़रलैंड का है और स्विस संसद अब अपने राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए संगठित हो उठ खड़ा हुआ है ! उसे खतरा लग रहा है इस्लाम से , इसके चलते भारी पैमाने पर एक प्रस्ताव पर वोटिंग करवाई गई है और जिसे स्विस संसद की सबसे बड़ी पार्टी स्विस पीपल्स पार्टी का प्रबल और पूर्ण समर्थन प्राप्त है ! ये प्रस्ताव है " स्विट्ज़रलैंड में सभी इस्लामिक मीनारों पर बन लगाने के लिए "! प्रस्ताव के समर्थको का प्रबल मत है की यदि देश में इस्लामिक मीनारों का निर्माण करने दिया गया तो शरिया क़ानून को बल मिलेगा जो स्विस लोकतंत्र के लिए खतरा बन जायेगा!

रेफ्रेंडम के लिए अभियान
इस रेफ्रेंडम के लिए स्विस संसद के सबसे बड़े दल पीपल्स पार्टी ने कई माह से अभियान चला रक्खा है इस अभियान के तहत उसने एक लाख से भी ज्यादा वोटरों के दस्तखत वाला पत्र संसद को सौपा था जिसके बाद वोटिंग हुई !

स्विस सरकार क्यों चिंतित है
स्विस सरकार ने इस प्रस्ताव के विरुद्ध अपना मत रखते हुए चिंता व्यक्त की है ! सरकार का मानना है की इस प्रस्ताव के पारित होने से मुसलमानों के साथ भेदभाव होगा, इस्लामिक आतंकवादी गतिविधिया तेज़ होंगी जिससे तनाव फैलेगा ,साथ ही इस्लामी देशो के साथ उसके संबंधो को भी छति होगी !
स्विस सरकार ने लोगो से अपील की है कि वे इस रेफ्रेंडम के खिलाफ वोट दे, लेकिन वोटिंग के शुरूआती नतीजे सरकारी मत के एकदम विरुद्ध है और लग रहा है कि ये प्रस्ताव भारी बहुमत से पास हो जाएगा !

इस्लामिक मीनारों से डर क्यों
रेफ्रेंडम के समर्थको ने कहा है कि मीनारे धार्मिक प्रतीक से कही ज्यादा है, इनके अधिकता से सन्देश जाएगा कि देश में इस्लामी क़ानून मान्य है यही नहीं शरिया विचार को बढ़ावा मिलेगा और भविष्य में इसे लागू किये जाने कि मांग उठेगी! रेफ्रेंडम के समर्थको ने याद दिलाया है कि शरिया स्विट्ज़रलैंड के कानूनों के खिलाफ है !

स्विट्ज़रलैंड में इस्लाम कि स्थित
स्विट्ज़रलैंड में वर्तमान में चार लाख से भी ज्यादा मुसलमान है पर मस्जिदों कि संख्या सिर्फ चार है पाचवी मस्जिद का विचार उठते वक्त ही ये मुद्दा सामने आ गया है ! स्विट्ज़रलैंड में इस्लाम इसाई धर्म के बाद सर्वाधिक प्रचलित है पर अधिक मुखर नहीं है !

स्विस मुस्लिम क्यों डरे है
देखा जाए तो रेफ्रेंडम का रिजल्ट सरकार पर तबतक बाध्य नहीं है जबतक कि वोटिंग अधिकारी प्रान्त बहुमत से इसे स्वीकार नहीं कर ले ,लेकिन यदि वर्तमान वोटिंग के नतीजे प्रस्ताव के हक़ में निकले तो मुसलमान खुल कर नहीं रह सकेंगे और उनपर हमेशा साया मडराता रहेगा कि उनका भी हाल वैसा ही रहेगा जैसा पाकिस्तान में रह रहे गैर मुसलमानों का है !

मानवाधिकार संगठन क्या कहते है
यु एन मानवाधिकार प्रमुख नवी पिल्लै तथा मशहूर मानावाधिकार संस्था एमिनेसटी इंटरनेशनल ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है और चेतावनी दी है कि यह प्रस्ताव विश्वव्यप्या धार्मिक आज़ादी के अधिकार के विरुद्ध है !

मुद्दे से उठे अहम् सवाल
मीनार धर्म से हट कर निर्माण शैली के प्रतीक होते है आखिर क्या कारण है के स्विस संसद इससे असुरक्षित महसूस कर रहा है और विश्वव्यापी धार्मिक स्वतंत्रता के विरुद्ध वो लामबद्ध हो रहा है ?
स्विट्ज़र लैंड में ऐसी मान्यता क्यों बन रही है कि शरिया विचारधारा को बढ़ावा मिलने से अराजकता होगी और तनाव फैलेगा ?
स्विस मुस्लिम समाज ने मीनारों से ऐसा क्या कृत्या किया है जिसके चलते ये सन्देश सर्वव्यप्या हुआ जबकि लगभग चार लाख मुसलमानों के बीच सिर्फ चार ही मस्जिद अबतक है ???