Wednesday, April 6, 2011

भारतवर्ष की चुनौतियाँ और उनके समाधान !


भारत की स्वतन्त्रता से चली आ रही विडम्बना -
भारत की आज़ादी के सबसे बड़े खलनायक विन्स्टन चर्चिल का विचार था " आम जीवन में झूठ बोला जाता है , अदालत में सफ़ेद झूठ और संसद से देश की जनता से बोले जाने के लिए आकड़ो का झूठ ..." चर्चिल के दत्तक पुत्र कांग्रेस ने उनसे ये कला खूब सीखी और आज़ादी के सठिया जाने तक उन्होंने देश की जनता को इस माध्यम से खूब ठगा!
हर बार सरकार बजट और जी डी पी के माध्यम से जनता से आकड़ो का झूठ कहती रही और बजट दर बजट देश गर्त की ओर जाता रहा !
विडम्बना ये रही की इस झूठ को समझे कौन और समझाए कौन ? समझने और समझाने का सारा खेल तो पश्चात्यवाद में था और भारतीय पश्चात्यवाद के इस खेल को समझते उससे पहले कांग्रेस के सहयोग से उनका स्वाभिमान ऐतिहासिक झूठो के माध्यम से दमित कर दिया गया और उन्हें भी पश्चात्यावादी व्यवस्था का पोषक बना दिया गया !
ऐतिहासिक झूठो के उदहारण स्वरुप = अँगरेज़ कहते है की भारतीयों को सभ्यता और सामाजिक व्यवस्था में रहना उन्होंने सिखाया , जबकी सच तो ये है की जब अमेरिका और ब्रिटेन पाषाण युग में था और पत्ते लपेट कर गुफाओं में जीवनयापन करता था, तब हमारा समाज पाटलिपुत्र जैसा नगर, तक्षशिला जैसा विश्वविद्यालय और मौर्या काल में आधुनिक अर्थव्यवस्था का गठन कर चुका था ! जी हाँ ये आधुनिक राजकर व्यवस्था और मुद्रा का चलन हमने चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य काल में ही लागू कर दी थी, जिसका अनुशरण करने योग्य होने में पाश्चात्य जगत को सदियों लगे और आज भी वो उन्ही व्यवस्था का अनुशरण कर रहा है !

हम भारतीयों में कमी कहाँ है ?

कांग्रेस द्वारा आज़ाद भारत में प्रायोजित शिक्षा पद्धति और उसमे निहित मिथ्यापूर्ण इतिहास ने भारतीयों के स्वाभिमान, सदाचार और स्वाविलम्बी विचारधारा पर गहरा प्रहार किया है आज हम जाने अनजाने पाश्चात्यवाद के हितो के पोषक बन गए है, हमारे बहुत से अभिभावक ऐसा सोचते है की इस पाश्चात्यावादी व्यवस्था के सिवा हमारे बच्चो का भविष्य अंधकारमय है इस कारणवष वे अंग्रेजी को एक भाषा से कही अधिक महत्वपूर्ण स्थान दे रहे है !

अंग्रेजी शिक्षा पध्धति से भारतीय विद्यार्थियो को क्या क्षति ?
सम्पूर्ण विश्व के मनोवैज्ञानिको द्वारा विभिन्य शोधो के परिणाम को यदि आधार के रूप में देखा जाए तो मूल विचारों की अभिव्यक्ति मनुष्य मातृभाषा से बेहतर किसी भाषा में नहीं कर सकता ,क्योंकी मातृभाषा हमारे विचारो के विश्लेषण का मौलिक माध्यम है जिसके द्वारा हमारे तार्किक क्षमता का सृजन होता है ! आप स्वयं देख सकते है की विश्व के सर्वोत्तम साहित्य एवं शोध उन लेखको तथा वैज्ञानिकों द्वारा सृजन उनके मूल विचारों की अभिव्यक्ति है यानी उन्ही की मातृभाषा में लिखे गए है !
अतः शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय विद्यार्थियों पर मूल भाषा के रूप में विदेशी भाषा का थोपा जाना उनकी वैचारिक एवं विश्लेषण की क्षमता का ह्रासकारी है तथा इसके चलते उनकी विलक्षण प्रतिभा को सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति से वंचित रह जाने की मजबूरी उत्पन्न हो जाती है !

हमारी अर्थव्यवस्था पर पाश्चात्यवाद के अनुसरण के प्रतिकूल प्रभाव क्यों ?
पश्चिमी अर्थव्यवस्था का हमारे हित में होना हास्यास्पद है ! पाश्चात्य जगत का इतिहास बताता है की वे हम सहिष्णु ऋषिपुत्रो के विपरीत स्वार्थी और बर्बर विचारधारा के पोषक है जिसके चलते वे अपनी व्यावसायीक छतिपूर्ती एवं लाभप्राप्ति के लिए हमारे समस्त संसाधनों का दोहन सदा से करते आये है तथा प्रतिपल हमारी संवृद्धि को हमसे छीन कर विदेशी बैंको की सहायता से तथा विभिन्न माध्यमो से अपने देशो में ले जा रहे है !सच तो ये है की उनके द्वारा बनाई गई भ्रामक वैश्विक अर्थव्यवस्था सिर्फ उनके हितो को साधने के लिए ही बनाई गई है !
यूनियन कार्बाईट भोपाल त्रासदी का ज्वलंत उदाहरण आपके समक्ष है जहा पश्चिम के दबाव में किस प्रकार से सामूहिक नरसंहार के दोषी विदेशी हत्यारों को पहले पलायन कराया गया फिर दोषमुक्त कर दिया गया!
युगपुरुष परमपूज्य स्वामी रामदेव जी ने विदेशो में जमा भारतीयों के एक एक पैसे को देश की गरीब जनता की खुशहाली के लिए देश में वापस लाने का प्राण लिया है !

सत्तापक्ष स्वामीजी से भयभीत क्यों ?
वीरभूमि की सदा से रीत रही है की जब जब संतो ने अन्याय के खिलाफ नेतृत्व का शिक्षण एवं मार्गदर्शन किया है तब तब व्यवस्था में अमूलचूल परिवर्तन हुए है, उदाहरणार्थ रामायण कल में महर्षि जामवंत, महाभारत काल में आचार्य द्रौंण, मौर्या काल में आचार्य चाणक्य के द्वारा मार्गप्रशस्ति से ही विजयश्री की प्राप्ति संभव हो सकी !इससे शिक्षा लेते हुए स्वतंत्रता संघर्ष में महात्मा गाँधी ने सर्वप्रथम संतत्व का व्रत धारण किया तदुपरांत उनके योगदान से जगत अछूता नहीं रहा !
शहादत के बाद निरंकुश कांग्रेस ने महात्मा गाँधी की बड़ी बड़ी मूर्तिया तो बनाई पर उनके स्वदेशीवादी विचारों को भी उन्ही में चुनवा दिया, और लोकतंत्र की आढ़ में सर्वत्र लोभ्तंत्र का बोलबाला हो गया ! इससे शर्मनाक क्या हो सकता है की जीवन भर शराब एवं नशे के विरुद्ध रहने वाले संत महात्मा गाँधी के वस्तुओ की नीलामी में कांग्रेस सरकार उदासीन रही और बोली देश के एक शराब व्यवसाई ने लगाईं !
भ्रष्टतंत्र में लिप्त लोगो को ठीक तरह से ज्ञात है की यदि बैरिस्टर से स्वदेशी जागरण का व्रत धारण करने वाले संत की शक्ति इतनी प्रचंड हो सकती है की उनके समक्ष विश्वविजई ब्रितानी सरकार नतमस्तक हो जाए तो स्वदेशी जागरण के साथ बाल ब्रम्हचारी , योगी, देश को रोग एवं नशा मुक्ति एवं देश के नवनिर्माण का संकल्परत संत कितना शक्तिशाली होगा !!!
संत की शक्ति से पूर्णतः परिचित भ्रष्ट सरकार को अब अपनी निरंकुशता का अंत कोटि कोटि भारतीयों के ह्रदय सम्राट युग्पुरोधा स्वामी जी के हाथो सुनिश्चित होता स्पष्ट रूप से दिख रहा है!

देश की इन चुनौतियों का समाधान कैसे ???
ये आज के सबसे गंभीर प्रश्न है जो हर राष्ट्रवादी के विचारों में समुचित उत्तर के प्रतीक्षारत है!

यदा यदा ही धर्मष्य ग्लानिर भवति भारतः !
अभियुत्थानम अधर्मष्य तदात्मानं सृजाम्यहम !!

जब जब अधर्म और पाप का बोलबाला हुआ है ,तब तब धर्म की रक्षा के लिए परम पिता परमेश्वर ने विभिन्न अवतारों का रूप ले कर इस पावन धरा पर जनम लिया और अधर्म का नाश कर धर्म का मार्ग प्रशस्त किया है !
देश की चुनौतियों के समाधान के लिए सबसे कारगर विकल्प युगपुरुष परम श्रध्ये स्वामी रामदेव जी के मार्गदर्शन हमें प्राप्त हुआ है ! युगपुरुष परम श्रध्ये स्वामी जी ने देशवासियों के स्वाभिमान को जगाने के लिए भारत स्वाभिमान यात्रा का कठोर व्रत धारण किया है ,जिसके अंतर्गत वे संपूर्ण देशवासियों को योग के माध्यम से स्वस्थ तनमन के साथ, नशाविहीन एवं देशसेवा से ओत प्रोत जीवन जीने की अलख जगा रहे है ! उनके द्वारा विदेशी वस्तुओ के त्यागने एवं स्वदेशी अपनाने के आदेश का असंख्य जनसाधारण ने आत्मसाध कर पूरी श्रद्धा से पालन करना शुरू कर दिया है !उनके अनवरत प्रयासों से वे दिन दूर नहीं जब हम विश्व की सबसे बड़ी शक्ति बन कर पुनः विश्वगुरु के अपने आसन पर विद्यमान होंगे !


आज
समूर्ण देश में करोडो की संख्या में देश की जनता महान संत श्री अन्ना हजारे जी के साथ जनलोकपाल बिल के समर्थन में आमरण उपवास पर बैठी है , इतना बड़ा सहयोग प्राप्त होना युगपुरुष स्वामी रामदेव जी के भ्रष्टाचार के विरुद्ध किये जा रहे दीर्घकालिक एवं अनवरत जनजागरण के उपरान्त संभव हो सका है, तथा जन लोकपाल बिल को मंज़ूरी देना सरकार की मजबूरी बनती जा रही है !!

आज के युग में परम पिता परमेश्वर ने भारतवर्ष की रक्षा के लिए अवतार स्वरुप स्वामी रामदेव जी के रूप में जन्म लिया है तथा भारत का उत्थान उन्ही के करकमलो द्वारा होना सुनिश्चित है!


Friday, December 3, 2010

हिन्दू मर रहा था , पर किसी ने नहीं बचाया !!!



हे
लीकाप्टर में चार सवार थे हिन्दू , मुसलमान , सिक्ख , इसाई !
विमान दुर्घटनाग्रस्त होने वाला था सो चारो कूद गए ! हिन्दू को छोड़कर सारे बच गए ! हिन्दू की आत्मा को यमराज लेकर जाने लगे तो उसने यमराज से पूछा की "मै ही सिर्फ क्यों मरा बाकी कैसे बच गए?"

यमराज ने कहा की विपदा में आप सभी अपने ईस्ट देवता का नाम ले रहे थे ,मुसलमान अल्लाह को ,इसाई जीजस को और सिख वाहे गुरु को... पर आप कभी दुर्गा जी को कभी हनुमान जी को कभी शिव जी को कभी ब्रम्हा जी को याद कर रहे थे अतः देवता दुविधा में रह गए की आपको कौन बचाने जाए फलस्वरूप आप गति को प्राप्त को गए!

तो भैया यु ही श्रीमद भागवत में श्री कृष्ण ने नहीं कहा है की "संघे शक्ति कल्युगे" !!!

Wednesday, March 3, 2010

फक्र है मुझे इस पाकिस्तानी पर !!! :- उम्दा सोच


Source Links:

जी हां आप ने सही सुना ,एक सच्चा भारतीय होने के बावजूद फक्र है मुझे इस पाकिस्तानी पर जिसमे इंसानियत का साथ देने का जस्बा है , ये लाख दर्जे भला है किसी और से जो जेहाद के नाम पर हो रहे आतंकवाद पर तो मौन धारण कर लेते है फिर कहते है की "आई एम् नॉट अ टेररिस्ट !!!"
ये पाकिस्तानी है इस्लामिक विद्वान श्री ताहिर उल कादरी जिन्होंने एक छह सौ पन्नो का फतवा घोषित किया है आतंकवाद और फिदाइन को दोषपूर्ण करार देते हुए !

ये फतवा बिंदुशः खण्डन है अल काइदा की आध्यात्मविद्या का ! फतवे में श्री ताहिर उल कादरी द्वारा फरमान है की जेहाद के नाम पर आतंकवाद का साथ देने वाले शहीद नहीं कहे जायेंगे और न ही अल्लाह उनके साथ है ! वे जहन्नुम की आग के हक़दार होंगे ,और उन्हें यही नसीब होगा !

श्री ताहिर उल कादरी ने एक वक्तव्य में निर्दोष लोगो को मारने वाले अल काएदा को "an old evil with a new name" की संज्ञा दी है !

इस जिगर वाले जज्बे को सलाम जो कम से कम आवाज़ उठाने से तो न डरा और अल काएदा को मुखातिब हुआ, वरना अपन तो सब फट्टू लफ्फाजी भर भर करेंगे पर आतंकवाद के खिलाफ आने की बारी हो तो माँ की गोद में छुप जायेंगे !

इंसानियत के सच्चे सिपाही श्री ताहिर उल कादरी को मेरा सलाम !

बहरहाल पाकिस्तान में तो एक वसुंधरा का सपूत पैदा हुआ, परीक्षा है अब अपनी शस्य श्यामला धरा की देखना है यहाँ कभी कोई इंसानियत का सिपाही खडा होता है की नहीं या किसी ने माँ का दूध नहीं पिया है !!!


समर शेष है ,नहीं पाप का भागी केवल व्याध
जो तटस्थ है, समय लिखेगा उनके भी अपराध !!!



जय हिंद !!!

Thursday, February 18, 2010

वो कहते है की हम "दंगाई" है!!! - उम्दा सोच



http://umdasoch.blogspot.com/2010/02/blog-post.html

बवाल said...

ए भैया फिर ब्लॉग पर हिन्दू-मुस्लिम दंगा न करवाना यार। बड़ी मुश्किल से बंद हुआ है।

Wednesday, February 17, 2010 9:47:00 PM GMT+05:30

इ देखो! बवाल भाई तो हमको दंगाई बना गए !!!
अरे बवाल भाई ये आप को नया एंगिल कहा से मिला ??? बात तो किशोर अजवानी से हो रही है, और कौन कहता है की हम सेकुलर नहीं है, बस सच को सच कहने से डरते नहीं है !!!

हम कब बोले इस देश पर मुसलमानों का हक़ नहीं है ?
हम कब बोले की मुसलमान ने देश के लिए बलिदान नहीं दिया ?
हम कब बोले सारे मुसलमान आतंकवादी है ?
हम कब बोले सारे मुसलमान देश के दुश्मन है ?
हम कब बोले की भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करो और मुसलमानों को बाहर भगा दो ?

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* हमने कहा कश्मीर पर कश्मीरी पंडितो का भी हक़ है उसे दिलाने के लिए आगे आओ ! !
* हमने कहा जो मुसलमान आतंकवाद का साथ दे रहे है कौम उन्हें चिन्हित करे !
* हम कहते है मज़हब के नाम पर कतल करने वाले कातिलो को पकड़वाओ ,उनका साथ मत दो !
* हम कहते है दुश्मन के देश से अमन की आशा मत करो, ये उसकी फितरत नहीं है !
* हमने कहा उलेमाओं से जेहाद के नाम पर दहशत फैलाने वाले दहशतगर्दो पर फतवा जारी करे,की ऐसा करने वालो को क़यामत के दिन दोज़ख की आग नसीब होगी !
* हमने कहा बता दो कौम के नाम पर नफरत फैलाने वालो को की इस्लाम उनकी बपौती नहीं है, उनका जेहाद "जेहाद" नहीं है, और अमन चाहने वाली इस्लामी कौम कतई उनके साथ नहीं है !

तो भैया ज़रा ये बता दो की हमने ऐसा क्या , कहाँ और कब कहा जिससे हम दंगा करवा दंगाई बने ???
अब फिरभी इसपर कोई दंगा करने आये तो "करे" !!!!

Wednesday, February 17, 2010

किशोर अजवानी को "खामख्वाह" लिखी बात का जवाब दूं ???:- उम्दा सोच

प्रिय ब्लॉगर साथियो यदि आप मुद्दे को समझना चाहते है तो आप से निवेदन है कृपया निम्न लिंक पर हो कर आये पर वैसे भी मेरा जवाब पढ़ कर आप को खुद बा खुद माजरा समझ में आ जाएगा !

http://kishoreajwani.blogspot.com/2010/02/blog-post_11.html

किशोर जी आप का प्राथमिक नाम हिन्दू मालूम पड़ता है और इस लिए अनुमान करता हूँ की अजवानी भी हिन्दू होंगे ( सिंध के खोजा मुस्लिम भी ऐसा उपनाम लगाते है ) ! ये बात मै किसी और कारण से नहीं वरन इस लिए कह रहा हूँ की यदि आप हिन्दू है तो आप को रामायण काल की नजीर दू तो शायद आप समझेंगे !

रामायण काल में जिन्हें असुर कहा जाता था, वे भी हमारे पुरखो "होमोसेपियं" की ही औलाद थे ,पर उनके सामाजिक व्यवहार में जो दुराचरण था और उनकी मान्यता जो की संहारक और अमानवीय थी जिसके चलते उन्हें असुर कहा जाता था !
असुर कहना याने एक पूरे के पूरे समाज के प्रति धारणा बनाती है अमानवीय और संहारिक प्रवृति की !
ऐसा नहीं था उस समाज के कुछ लोग सदाचारी नहीं थे असुरो में भी बड़े प्रकांड देवभक्त और धर्मी थे पर उस समाज ने दुनिया के सामने अपनी जो छवि बनाई थी उसकी छवि एक भयानक रूप दिखाती है, दोष उस पूरे के पूरे समाज का था क्युकी उसने कर्मो द्वारा अपना ऐसा रूप दुनिया के सामने रक्खा था !
आज इस्लाम के मानने वालो ने भी विश्व में असुरो का अनुकरण कर लिया है ,वे उत्पात की इतनी पराकाष्ठा तक पहुच चुके है की असुर्तुल्या हो चुके है अब उनमे चंद सदाचारियो का आगे आ कर कहना की नहीं हम तो शान्ति अमन के वास्तेदार है और हम दुनिया के तिरस्कार का शिकार हो रहे है!!!

वो अगर कहते है आतंकवाद वाले हमारे भाई नहीं तो ये बताओ उन्हें पनाह क्यों दे रखा है ???

क्यों जेहाद का नाम ले कर दहशत फैलाने वालो के खिलाफ पूरा का पूरा कौम खुल कर सामने नहीं आ रहा ????

क्यों जामिया के पास में जब आतंकियों से मुठभेड़ होती है तो पुलिस बल पर पत्थर फेके जाते है ??

कश्मीरियों ने अगर आतंकियों को पनाह नहीं दी होती और भारत का साथ दिया होता तो क्या आतंकवाद सर उठा सकता ???

आजादी के साठ साल बाद वो कौन नए मुसलमान आ गए और किस नए कुरआन को पढ़ कर आ गए जो उन्हें वंदेमातरम पर ऐतराज़ हो गया साठ साल तक जो गाये थे वो अब मुसलमान नहीं है क्या ???

यदि मुस्लिम कौम सच्चा सेकुलर है तो क्यों आर्टिकिल ३७० के खिलाफ आवाज़ उठा पुनः पंडित भाइयो को कश्मीर में जगह वापस नहीं देती ???

हम कब कहते है की सारे मुसलमान आतंकी है??? हम तो ये याद दिला रहे है की सारे आतंकी मुसलमान है!!!

कब कहा हमने वीर अब्दुल हामिद भारत माँ का सपूत न था ? फिर तुम कहोगे अफज़ल/कसाब को भी अपना लो ???

२६ जनवरी को सारा धर्मनिरपेक्ष देश तिरंगा फेहराता है पर मुसलमानों का कश्मीर सरकारी तौर से कहता है इस प्रक्रिया से उन्माद फैलेगा लिहाज़ा तिरंगा न फहराया जाए !!! और तुम इस देश के लोगो से कहते हो की कौम निर्दोष है और देशभक्त है जिसे वे मान लेंगे ???

जमातुल दावा ,हिजबुल मुजाहिदीन ,इंडियन मुजाहिदीन, लश्करे तैयबा इनके खिलाफ किसी उलेमा ,मौलवी या ज़मात ने कभी फतवा सुनाया है??? की इनका साथ देने वाला काफिर है कौम का दुश्मन है और अल्लाह उसे दोजक के आग नसीब करवाएगा , ये जेहाद नहीं ज़लालत है और ये अल्लाह के बन्दों का काम नहीं है ??? किसी उलेमा को जानते हो तो हमें भी बताओ ???

रही बात बूते वाले मुद्दे पर, तो आप ने अपनी अगली पोस्ट पर महफूज़ भाई को सफाई दी है उनकी बात का जवाब नहीं कृपया उनकी टिप्पणी में उठाये गए सवालों का जवाब दे !
!
सबको सम्मति दे भगवान् "कहने वाले की असली आवाज में कुछ ५० मिनट से ज्यादा का संकलन मेरे पास है जिसे सुन कर मुसलमानों का तब आज़ादी के वक्त क्या विचारधारा थी समझ जायेंगे, तब भी जैसे थे (इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान लेने के बाद ) आज भी ऐसे ही है !

किशोर जी आप किसी के साथ रहो पर ये साफ़ है हमारे साथ तो नहीं हो फिर किसी के साथ रहो क्या फर्क पड़ता है ???

जय हिंद !!!

Friday, January 15, 2010

जहाँपनाह तुस्सी ग्रेट हो !!! तोहफा क़ुबूल करो !


Jahapana tussi great ho……







Tohfa kubool karo….



हमारे जीने का मकसद चिता तक एक लंबा सुरक्षित सफ़र तय करना भर नहीं है , ये सफ़र है खुशिया बिखेरते और गम बटोरते चलते रहने का ! परिस्थितिया चाहे कोई भी हो दिल से सदा कहो ,

"भैया आल इज्ज़ वेल !!!"

Wednesday, January 13, 2010

"उसने कहा था" पर किसने कहा ???

ये किसकी ऊँगली है,जो ऊँगली कर रहा है ?


"उसने कहा था" के पन्ने पर जो आज पढ़ा साथी मामला कुछ समझ नहीं आ रहा, लेखक के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है ,
कही ये सबोटाज वाला मामला तो नहीं ??? भाई सुरेश चिपलूनकर ने ये बात किस स्थान, काल ,पात्र को देख कर कही इसका सन्दर्भ तो वहा नहीं दिया है !

भाई आप सब मेरी माने तो मै भी ठहरा एक अदना सा ऐरा गैरा चिट्ठाकार पर मुझे लगातार सिर्फ सुरेश भाऊ ही नहीं वरन ( नाम का क्रम प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर ) गिरीन्द्र नाथ झा, आलोक ,उड़न तश्तरी, संजय तिवारी ,ajai ,vimal verma ,mayank, Shastri JC Philip ,Neelima, इष्ट देव सांकृत्यायन , काव्या शुक्ला , BAD FAITH pankaj vyas , समयचक्र - महेंद्र मिश्र, GATHAREE , अर्शिया , पं.डी.के.शर्मा"वत्स", अर्कजेश, Dr. Smt. ajit gupta, तरुण गुप्ता , गिरीश बिल्लोरे 'मुकुल, Mired Mirage, mahashakti, निशाचर, महफूज़ अली, Mohammed Umar Kairanvi , Mithilesh dubey,jayram " viplav ", Anil Pusadkar, स्वच्छ संदेश: हिन्दोस्तान की आवाज़, अजय कुमार ,Science Bloggers Association, Rakesh Singh - राकेश सिंह , K. D. Kash दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi, अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी बी एस पाबला, Nirmla Kapila, Priyankar, अभय तिवारी, Jyoti Verma Suman, अवधिया चाचा, जी.के. अवधिया, 'अदा' ,पी.सी.गोदियाल , संजय बेंगाणी , Tarkeshwar Giri , सुलभ सतरंगी , Rajey Sha , दिवाकर मणि , uthojago , Smart Indian - स्मार्ट इंडियन, राजीव तनेजा ,PD, ab inconvenienti, पंकज , sahespuriya, Arvind Mishra, RAJ SINH , kuch to badlega , परमजीत बाली , ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ , डॉ. मनोज मिश्र , गिरिजेश राव ,कुश , श्याम कोरी 'उदय' आदि जैसे तमाम वरिष्ठ साथियो ने टिप्पणिया दे कर योगदान किया है जिससे मेरा हौसला बढ़ा है और आत्महत्या तो दूर चम्मच दर चम्मच मेरा खून ही बढ़ा है ! अतः मै ब्लोग्वानी, चिट्ठाजगत समेत समस्त साथियो का और संपूर्ण ब्लॉग जगत का अभिनन्दन करता हूँ और धन्यवाद प्रेक्षित करता हूँ !

रही बात दूसरी तो मै हिंदी ब्लॉग जगत का फैन हूँ आप सभी को पढ़ कर प्रभावित होता हूँ ,चमचागिरी वाली बात चमचे जाने !!!


आपका " उम्दा सोच"