Thursday, January 7, 2010

भाई हमें तो नहीं भा रहा है ब्लॉग वाणी का ये नया रूप!




भाई हमें तो नहीं भा रहा है ब्लॉग वाणी का ये नया रूप! बड़ी असुविधा हो रही है,पहले वाले अवतार में हम तो ज्यादा रमे थे, अब तो मित्रो को पसंद करने के लिए भी घडी घडी लागिन करना पड़ रहा है !सुन रहे है इसमें अब भी बहुत विकास होने वाला है , जो था भाई हम तो उसमे ज्यादा खुश थे ,अब क्या करे ???
भाई आप चुप क्यों है कुछ तो बोलिए !!!

10 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

आप बिल्कुल सही कह रहे हैं ...अब पसंद पर लोगिंग करना... बहुर अखरता है.....कई बार तो लोगिंग ही नही खुलता....

अवधिया चाचा said...

सवाल उसे ही हमेशा मुश्किल नजर आता है जिसे जवाब का न पता हो, तेल देखो, तेल की धार देखो मौका लगे तो अवध देखो

अवधिया चाचा
जो कभी अवध न गया

उम्दा सोच said...

ब्लॉगवाणी का अभी सर्वर एरर आ रहा है और एक साथी का फ़ोन आया था की वे मेरी पोस्ट पर पसंद का चटख लगा रहे थे तो वो बेकार जा रहा था !

अजय कुमार said...

लागिन नही हो रहा है । पोस्ट की तारीख और समय दिखना चाहिये

Unknown said...

हमें तो किसी प्रकार की तकलीफ नहीं है। पहले दिन जो एक बार लागिन किया था सो आज तक हमारे कम्प्यूटर को याद है इसलिये फिर दुबारा कभी लागिन करना ही नहीं पड़ा।

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

हाँ ... थोड़ी दिक्कत है....पर ब्लोगवाणी पे अप्डैशन चल रहा है.... पर ठीक है...

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

वैसे ब्लागवाणी का ये नयापन अखर तो हमें भी रहा था....सबसे बडी समस्या तो बार बार लागिन करने की ही है...वैसे अपडेशन अभी चल रहा है तो शायद कुछ सुविधाजनक बदलाव देखने को मिलें ।

Udan Tashtari said...

ये भी आदत का हिस्सा बन ही जायेगा.

वैसे पेजिंग का तरीका पेज १,२,३ वाला ज्यादा बेहतर था..इसमें समझ ही नहीं आता कि कहाँ तक कवर हो गया और कई ब्लॉग छूट जाते हैं.

आदत बदलने में समय तो लगेगा.

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

सौरभ भाई, आपकी बात से मैं भी सहमत हूँ।
इसमें नया ब्लॉग जोड़ने में भी दिक्कत हो रही है। साथ ही पसंद वाला मामला भी कुछ गडबड़ कर रहा है। कहीं ये ठंण्ड का तो असर नहीं?
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सुरक्षा के नाम पर इज्जत को तार-तार...
बारिश की वो सोंधी खुश्बू क्या कहती है ?

डॉ. मनोज मिश्र said...

समीर जी सही कह रहें है,कुछ समय तो लगेगा.