Wednesday, January 13, 2010

"उसने कहा था" पर किसने कहा ???

ये किसकी ऊँगली है,जो ऊँगली कर रहा है ?


"उसने कहा था" के पन्ने पर जो आज पढ़ा साथी मामला कुछ समझ नहीं आ रहा, लेखक के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है ,
कही ये सबोटाज वाला मामला तो नहीं ??? भाई सुरेश चिपलूनकर ने ये बात किस स्थान, काल ,पात्र को देख कर कही इसका सन्दर्भ तो वहा नहीं दिया है !

भाई आप सब मेरी माने तो मै भी ठहरा एक अदना सा ऐरा गैरा चिट्ठाकार पर मुझे लगातार सिर्फ सुरेश भाऊ ही नहीं वरन ( नाम का क्रम प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर ) गिरीन्द्र नाथ झा, आलोक ,उड़न तश्तरी, संजय तिवारी ,ajai ,vimal verma ,mayank, Shastri JC Philip ,Neelima, इष्ट देव सांकृत्यायन , काव्या शुक्ला , BAD FAITH pankaj vyas , समयचक्र - महेंद्र मिश्र, GATHAREE , अर्शिया , पं.डी.के.शर्मा"वत्स", अर्कजेश, Dr. Smt. ajit gupta, तरुण गुप्ता , गिरीश बिल्लोरे 'मुकुल, Mired Mirage, mahashakti, निशाचर, महफूज़ अली, Mohammed Umar Kairanvi , Mithilesh dubey,jayram " viplav ", Anil Pusadkar, स्वच्छ संदेश: हिन्दोस्तान की आवाज़, अजय कुमार ,Science Bloggers Association, Rakesh Singh - राकेश सिंह , K. D. Kash दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi, अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी बी एस पाबला, Nirmla Kapila, Priyankar, अभय तिवारी, Jyoti Verma Suman, अवधिया चाचा, जी.के. अवधिया, 'अदा' ,पी.सी.गोदियाल , संजय बेंगाणी , Tarkeshwar Giri , सुलभ सतरंगी , Rajey Sha , दिवाकर मणि , uthojago , Smart Indian - स्मार्ट इंडियन, राजीव तनेजा ,PD, ab inconvenienti, पंकज , sahespuriya, Arvind Mishra, RAJ SINH , kuch to badlega , परमजीत बाली , ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ , डॉ. मनोज मिश्र , गिरिजेश राव ,कुश , श्याम कोरी 'उदय' आदि जैसे तमाम वरिष्ठ साथियो ने टिप्पणिया दे कर योगदान किया है जिससे मेरा हौसला बढ़ा है और आत्महत्या तो दूर चम्मच दर चम्मच मेरा खून ही बढ़ा है ! अतः मै ब्लोग्वानी, चिट्ठाजगत समेत समस्त साथियो का और संपूर्ण ब्लॉग जगत का अभिनन्दन करता हूँ और धन्यवाद प्रेक्षित करता हूँ !

रही बात दूसरी तो मै हिंदी ब्लॉग जगत का फैन हूँ आप सभी को पढ़ कर प्रभावित होता हूँ ,चमचागिरी वाली बात चमचे जाने !!!


आपका " उम्दा सोच"


5 comments:

Unknown said...

आपने कहा… "…सुरेश चिपलूनकर ने ये बात किस स्थान, काल ,पात्र को देख कर कही इसका सन्दर्भ तो वहां नहीं दिया है…" इसी से मामला संदेहास्पद हो जाता है, इसी में सब कुछ आ गया…।
आपकी पोस्ट के बाद उधर जाकर देखा तो पता चला कि कोई अरशद अली साहब भी कुछ बकवास किये हैं… उधर ही जवाब देता हूं… :) क्योंकि मैं तो टिप्पणि करने में घबराता नहीं, बचता नहीं, सो न तो मैं बुद्धिजीवी हूं, न ही वरिष्ठ या गरिष्ठ…
अब आपने ध्यान दिलाया है तो उधर जाकर टिपियाने का कर्तव्य अवश्य निभायेंगे जी…

Udan Tashtari said...

अभिनन्दन होता देख चलाये.. :) बाकी तो सुरेश भाई सक्षम हैं ही..

Mithilesh dubey said...

भाई हम भी बडे परशान हैं कि ये कौन है जो फालतु में उंगली कर रहा है ।

Smart Indian said...

बात समझ नहीं आयी भाई. किसने कहा था, कब, कहाँ और क्या कहा था, जिसका ज़िक्र इस पोस्ट में है?

RAJ SINH said...

kuchh palle naheen pada .