Wednesday, March 3, 2010

फक्र है मुझे इस पाकिस्तानी पर !!! :- उम्दा सोच


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जी हां आप ने सही सुना ,एक सच्चा भारतीय होने के बावजूद फक्र है मुझे इस पाकिस्तानी पर जिसमे इंसानियत का साथ देने का जस्बा है , ये लाख दर्जे भला है किसी और से जो जेहाद के नाम पर हो रहे आतंकवाद पर तो मौन धारण कर लेते है फिर कहते है की "आई एम् नॉट अ टेररिस्ट !!!"
ये पाकिस्तानी है इस्लामिक विद्वान श्री ताहिर उल कादरी जिन्होंने एक छह सौ पन्नो का फतवा घोषित किया है आतंकवाद और फिदाइन को दोषपूर्ण करार देते हुए !

ये फतवा बिंदुशः खण्डन है अल काइदा की आध्यात्मविद्या का ! फतवे में श्री ताहिर उल कादरी द्वारा फरमान है की जेहाद के नाम पर आतंकवाद का साथ देने वाले शहीद नहीं कहे जायेंगे और न ही अल्लाह उनके साथ है ! वे जहन्नुम की आग के हक़दार होंगे ,और उन्हें यही नसीब होगा !

श्री ताहिर उल कादरी ने एक वक्तव्य में निर्दोष लोगो को मारने वाले अल काएदा को "an old evil with a new name" की संज्ञा दी है !

इस जिगर वाले जज्बे को सलाम जो कम से कम आवाज़ उठाने से तो न डरा और अल काएदा को मुखातिब हुआ, वरना अपन तो सब फट्टू लफ्फाजी भर भर करेंगे पर आतंकवाद के खिलाफ आने की बारी हो तो माँ की गोद में छुप जायेंगे !

इंसानियत के सच्चे सिपाही श्री ताहिर उल कादरी को मेरा सलाम !

बहरहाल पाकिस्तान में तो एक वसुंधरा का सपूत पैदा हुआ, परीक्षा है अब अपनी शस्य श्यामला धरा की देखना है यहाँ कभी कोई इंसानियत का सिपाही खडा होता है की नहीं या किसी ने माँ का दूध नहीं पिया है !!!


समर शेष है ,नहीं पाप का भागी केवल व्याध
जो तटस्थ है, समय लिखेगा उनके भी अपराध !!!



जय हिंद !!!

32 comments:

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

बढ़िया जानकारी ! इस सही सोच के लिए ताहिर मिंया को मेरा भी सलाम !

Varun Kumar Jaiswal said...

शत शत नमन !!

Unknown said...

कादरी मियाँ ने जो कहा है (यानी आतंकवाद गैर-इस्लामिक है) सच वही है, लेकिन कुछ कठमुल्ले अपना उल्लू सीधा करने के लिये और कुछ राजनैतिक कारणों की वजह से इसका समर्थन करते हैं, तथा पूरे विश्व में अशान्ति फ़ैलाते फ़िरते हैं…। दिक्कत ये है कि "अल-कायदा टाइप" के लोगों की संख्या अधिक है जबकि ताहिर साहब जैसे लोगों की संख्या बहुत ही कम…। अब बताईये फ़िर कहाँ से इस्लाम की छवि सुधरेगी?

उम्दा सोच said...

@ सुरेश भाई

"कौन कहता है कि आसमां में छेद हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों।"

कादरी मिया ने इसकी शुरुआत कर दी है,और हमें इनके जस्बे को सलाम करना चाहिए !!!

इस पर एक दूसरा शेर भी अर्ज़ है !

यू तो अकेले ही चला था जानिबे म॑जिल मगर,लोग साथ होते गये कारवा बनता गया....!!!.

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

बढ़िया जानकारी ! इस सही सोच के लिए ताहिर मिंया को मेरा भी सलाम ......

Agreed With Suresh ji...

संजय बेंगाणी said...

हम दुआ करते है साहब का सर सलामत रहे. ऐसे लोग कम है. उँगलियों पर गिन लो, इतने. काम हिम्मत का किया है. सलाम....

संगीता पुरी said...

अच्‍छे सोंच वाले को खुदा लंबी उम्र दे .. उनकी सलामती की दुआ करती हूं !!

शरद कोकास said...

आतंकवाद का विरोध करनेवाला पहले एक मनुष्य होता है । श्री ताहिर को सलाम ।

दीपक 'मशाल' said...

Aise sachche Insaan ko mera naman

Randhir Singh Suman said...

समर शेष है ,नहीं पाप का भागी केवल व्याध
जो तटस्थ है, समय लिखेगा उनके भी अपराध .nice

स्वप्न मञ्जूषा said...

Sachmuch Janab Tahir Sahab ke liye dil sed ua nikli hai...shayad yah dharti aise logon ki hi vajah se tiki hui hai..
bahut accha laga inke baare mein janana...

अजय कुमार said...

ताहिर साहब सच्चे मुसलमान हैं और इस्लाम के सच्चे प्रतिनिधि भी ।

संजय @ मो सम कौन... said...

आपके माध्यम से ऐसी जानकारी मिली तो साधुवाद ताहिर साहब के साथ आपको भी। अच्छे बुरे लोग हर तरफ़ हैं, बस अनुपात में फ़र्क हो सकता है। आपकी इस बात से सहमत हूं कि इन्होंने दम दिखाया है।

शब्द यात्रा की पथिक said...

is tarah ke lekh aur vichaar jitne jyaada prakaashit honge .utani jyaada dushmani kam hogi.

रानीविशाल said...

Acchi baat batai aapne is nek dil insaan ne sabit kar diya ki insaniyat se bada koi dharm nahi hai.....is post ke liye dhanywaad!!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

जनाब ताहिर साहब ने किसी पंथ-विशेष का समर्थन करने के बजाये सिर्फ इंसानियत का समर्थन किया है, और ऐसे व्यक्ति को समर्थन देना प्रत्येक इंसान को धर्म होना चाहिए.
सलाम !!

BAD FAITH said...

अच्छे बुरे लोग हर तरफ़ हैं, बस अनुपात में फ़र्क हो सकता है। इंसानियत का समर्थन होना चाहिए.समर शेष है saurabh.

kshama said...

Bahut khoob! Sashakt aalekh...kaash aur log bhi inke nakshe qadam pe chalen!

Unknown said...

कौन सुनेगा इस नेक इन्सान की बात कोई नहीं

Unknown said...

कौन सुनेगा इस नेक इन्सान की बात कोई नहीं

Unknown said...

कौन सुनेगा इस नेक इन्सान की बात कोई नहीं

Unknown said...

कौन सुनेगा इस नेक इन्सान की बात कोई नहीं

Arvind Mishra said...

सच है

बाल भवन जबलपुर said...

चलिये आशा की किरणें शेष हैं

अंकित कुमार पाण्डेय said...

इसमें खुश होने की क्या बात है ??

अभी श्री ताहिर उल कादरी के ही खिलाफ फ़तवा आ जायेगा और उस फतवे का शायद पालन भी हो जाये पर इस वाले का नहीं होगा |

मुस्लिम (कट्टरपंथी वाले) वही सुनते हैं जो सुनने का उनका मन होता है

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

ताहिर साहब से मिलकर अच्छा लगा। और आपकी सोच तो उम्दा है ही।
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पॉल बाबा की जादुई शक्ति के राज़।
सावधान, आपकी प्रोफाइल आपके कमेंट्स खा रही है।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

लेकिन आजकल आप हैं कहां?
--------
पॉल बाबा की जादुई शक्ति के राज़।
सावधान, आपकी प्रोफाइल आपके कमेंट्स खा रही है।

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

श्री ताहिर उल कादरी को मेरा भी सलाम है | पाकिस्तान जैसे मुल्ला वादी देश में कभी भी उनकी ह्त्या हो सकती है |

Save Indian Rupee Symbol said...

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Anonymous said...

sacche jazbe ko salaam....
bahut badiya....

Meri Nayi Kavita par aapke Comments ka intzar rahega.....

A Silent Silence : Naani ki sunaai wo kahani..

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Parul kanani said...

chaliye koi to majhab se upar uthkar insaniyat ka jajba rakhta hai..aise log vakai khuda ke numainde hote hai..!

ZEAL said...

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श्री ताहिर उल कादरी जी को उनके इस अभूतपूर्व कार्य के लिए शत शत नमन। इश्वर से प्रार्थना रहेगी की वो किसी के बहकावे में न आकर , अपने इसी जज्बे के साथ निरंतर आगे बढ़ते रहे तथा इंसानियत का साथ दें।
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